लाता है सन्देश पिया का ,
उस तक भी पहुंचाता होगा
तू बतला दे मेरे चंदा ,
पी तुझसे तो बतियाता होगा ...
करवट बदलूँ जब रातों में
वो भी नींद गंवाता होगा
जी भर कर जब देखूं तुझको
वो भी नैन मिलाता होगा ...
मद्धम तेरी चांदनी हुई आज
प्रिय छत पर आता ही होगा
अवगुंठन जब खोले सजनी
तू बादल में छिप जाता होगा ...
शीतल चांदनी अंग जलाये
दाह से वो जल जाता होगा
याद उसे जब वो लम्हे आये
लाज से वो शरमाता होगा ...
पलकें मेरी भीगी -सी हैं
वो भी नीर बहाता होगा
फूलों- सी शबनम की चादर
ओढ़ सुबह सो जाता होगा ...
मीठे गीतों की स्वर लहरी
बंसी धुन वो बजाता होगा
तेरे जाने की आहट सुन
अब वो भी घर को आता होगा ...
................................