षड़यंत्र करती राधा ,
गोपियों की चुगलखोरी
मीरा की जुगुप्सा ....
यशोदा की ममता में मिलावट
जो ना हो साबित ...
तो हैरानी क्या!
तुमसे कैसा शिकवा ,कान्हा ...
जानती हूँ ...
तिरछे नयनों से, भंवर पड़ते गालों से
मुस्कुरा कर कह दोगे
"सुनती ही नहीं थी
तुम्हे कैसे चेताता
कलियुग है ! "
तुम पर मेरा अमिट विश्वास
तुम्हारी लीला तुम ही जानो !