पत्थर भरी जमीं पर जहाँ कुछ नहीं उगता
हौसला देखिये हमने घर वहाँ बनाये हैं!
दर्द, आँसू, ग़म, तन्हाई से कुछ नहीं बनता
मुस्कुराहटों के ही हमने पैरहन बनाये हैं....
पत्थर भरी जमीं पर जहाँ कुछ नहीं उगता
हौसला देखिये हमने घर वहाँ बनाये हैं!
दर्द, आँसू, ग़म, तन्हाई से कुछ नहीं बनता
मुस्कुराहटों के ही हमने पैरहन बनाये हैं....