गुरुवार, 11 अगस्त 2011

तू बतला दे मेरे चंदा ....




लाता है सन्देश पिया का ,
उस तक भी पहुंचाता होगा
तू बतला दे मेरे चंदा ,
पी तुझसे तो बतियाता होगा ...

करवट बदलूँ जब रातों में
वो भी नींद गंवाता होगा
जी भर कर जब देखूं तुझको
वो भी नैन मिलाता होगा ...

मद्धम तेरी चांदनी हुई आज
प्रिय छत पर आता ही होगा
अवगुंठन जब खोले सजनी
तू बादल में छिप जाता होगा ...

शीतल चांदनी अंग जलाये
दाह से वो जल जाता होगा
याद उसे जब वो लम्हे आये
लाज से वो शरमाता होगा ...


पलकें मेरी भीगी -सी हैं
वो भी नीर बहाता होगा
फूलों- सी शबनम की चादर
ओढ़ सुबह सो जाता होगा ...


मीठे गीतों की स्वर लहरी
बंसी धुन वो बजाता होगा
तेरे जाने की आहट सुन
अब वो भी घर को आता होगा ...
................................

44 टिप्‍पणियां:

  1. चंदा पिया का सन्देश हम तक अगर लाता है तो स्वाभाविक है की हमारा सन्देश भी पिया तक पहुंचता होगा ....मनभावन प्रस्तुति ..!

    जवाब देंहटाएं
  2. वाणी जी ..कितनी सुन्दरता से,चाँद से वार्तालाप करते हुए .. विरह भाव उकेरे हैं ...जैसे चाँद की चांदनी से मधु रस टपक रहा है .....!!
    बहुत सुंदर रचना ..
    बधाई एवं शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  3. राधा अपलक निहार रही है , श्याम मुस्कुरा रहे हैं .... हमें सोचा , और लिखा - आसान नहीं है

    जवाब देंहटाएं
  4. मधुर! इब्न-ए-इंशा की पंक्तियाँ याद आ गयीं:
    इस घर की खुली छत पे चमकते हुए तारों
    कहते हो कभी बात वहाँ जाके यहाँ की?

    जवाब देंहटाएं
  5. करवट बदलूँ जब रातों में
    वो भी नींद गंवाता होगा
    जी भर कर जब देखूं तुझको
    वो भी नैन मिलाता होगा ...
    बहुत सुंदर रचना ..

    जवाब देंहटाएं
  6. अति सुन्दर मन मोहित होगया आप के ब्लॉग पे आने से इस केलिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद्
    आप मेरे ब्लॉग पे भी अपना कीमती समय निकाल के आवे

    जवाब देंहटाएं
  7. सुँदर वार्तालाप चाँद से . आभार

    जवाब देंहटाएं
  8. तरल संवेदनाओं से रची गई यह कविता मन को छू लेती है, आत्मीय लगती है और दिल से पढ़ने की अपेक्षा रखती है।

    जवाब देंहटाएं
  9. सार्थक प्रस्तुति
    ...बहुत ही सुन्दर भावों को अपने में समेटे शानदार कविता.

    जवाब देंहटाएं
  10. राधा और कान्हा के लिए लिखी काल्पनिक रचना का बेजोड स्वाद है ... बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  11. सुंदर भावों और शब्दों से सजी मनमोहक प्रेम कविता !

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर और गेय रचना प्रस्तुत की है आपने!
    --

    जवाब देंहटाएं
  13. चंदा से बहुत भाव भरी बातें हो रही हैं कविता के मध्यम से .. बहुत सुन्दर...

    जवाब देंहटाएं
  14. अत्यंत संवेदनशील, भावनात्मक और मधुर रचना.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  15. वाह मधुर भावो की सुन्दर प्रस्तुति।

    आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति कल के तेताला का आकर्षण बनी है
    तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
    अवगत कराइयेगा ।

    http://tetalaa.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  16. मधुर भावनाओ की प्यारी-प्यारी प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत अच्छी प्रस्तुति है!
    रक्षाबन्धन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  18. रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं तथा बधाई

    जवाब देंहटाएं
  19. ह्रदय को झंकृत करती रचना . अच्छी लगी यह कविता।

    जवाब देंहटाएं
  20. अद्भुत प्रेम संरचना, चाँद प्रेम का शीतलता भी लिये है और प्रतीक्षा की अग्नि भी।

    जवाब देंहटाएं
  21. बहुत मिठास से भारी...सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  22. सुन्दर अभिव्यक्ति!!

    रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  23. aise lag raha hai jaise prem geet koi gunguna raha ho chand ke pehlu main baith kar , bahut accha laga aapke blog par aakar sadar naman

    कई जिस्म और एक आह!!!

    जवाब देंहटाएं
  24. बहुत ही मधुर ... मिठास और विरह के रंग में रची लाजवाब रचना ... लयबद्ध गीत की तरह ...

    जवाब देंहटाएं
  25. इस बेहद खूबसूरत रचना के लिए बधाई आपको !

    जवाब देंहटाएं
  26. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  27. सुन्दर गीत है वाणी जी.
    आज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.

    जवाब देंहटाएं
  28. अद्भुत प्रेम गीत भावनाओं को बहुत सुंदरता से उकेरा है. बधाई वाणी जी इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए.

    जवाब देंहटाएं
  29. बहुत भावपूर्ण रचना |बधाई
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  30. कोमल भाव की रचना ...
    बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  31. आप के गीत मधुर हैं इन्हें लिखती रहें ...
    शुभकामनायें आपके गीतों को !

    जवाब देंहटाएं
  32. वाणी जी आपके गीत ने तो मन मोह लिया तारीफ के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं चाँद से वार्तालाप ...वाह एक कवी हर्दय ही कर सकता है

    जवाब देंहटाएं
  33. यह कविता मन को छू लेती है, आत्मीय लगती है,.सुंदर

    my recent post....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....

    जवाब देंहटाएं
  34. कोमल भाव..
    बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं

  35. जय मां हाटेशवरी...
    आप ने लिखा...
    कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
    हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
    दिनांक 26/10/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
    पांच लिंकों का आनंद पर लिंक की जा रही है...
    इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
    टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    कुलदीप ठाकुर...

    जवाब देंहटाएं