लाता है सन्देश पिया का ,
उस तक भी पहुंचाता होगा
तू बतला दे मेरे चंदा ,
पी तुझसे तो बतियाता होगा ...
करवट बदलूँ जब रातों में
वो भी नींद गंवाता होगा
जी भर कर जब देखूं तुझको
वो भी नैन मिलाता होगा ...
मद्धम तेरी चांदनी हुई आज
प्रिय छत पर आता ही होगा
अवगुंठन जब खोले सजनी
तू बादल में छिप जाता होगा ...
शीतल चांदनी अंग जलाये
दाह से वो जल जाता होगा
याद उसे जब वो लम्हे आये
लाज से वो शरमाता होगा ...
पलकें मेरी भीगी -सी हैं
वो भी नीर बहाता होगा
फूलों- सी शबनम की चादर
ओढ़ सुबह सो जाता होगा ...
मीठे गीतों की स्वर लहरी
बंसी धुन वो बजाता होगा
तेरे जाने की आहट सुन
अब वो भी घर को आता होगा ...
................................
चंदा पिया का सन्देश हम तक अगर लाता है तो स्वाभाविक है की हमारा सन्देश भी पिया तक पहुंचता होगा ....मनभावन प्रस्तुति ..!
जवाब देंहटाएंsundar kalpana , sundar prastuti
जवाब देंहटाएंवाणी जी ..कितनी सुन्दरता से,चाँद से वार्तालाप करते हुए .. विरह भाव उकेरे हैं ...जैसे चाँद की चांदनी से मधु रस टपक रहा है .....!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना ..
बधाई एवं शुभकामनायें.
राधा अपलक निहार रही है , श्याम मुस्कुरा रहे हैं .... हमें सोचा , और लिखा - आसान नहीं है
जवाब देंहटाएंमधुर! इब्न-ए-इंशा की पंक्तियाँ याद आ गयीं:
जवाब देंहटाएंइस घर की खुली छत पे चमकते हुए तारों
कहते हो कभी बात वहाँ जाके यहाँ की?
करवट बदलूँ जब रातों में
जवाब देंहटाएंवो भी नींद गंवाता होगा
जी भर कर जब देखूं तुझको
वो भी नैन मिलाता होगा ...
बहुत सुंदर रचना ..
अति सुन्दर मन मोहित होगया आप के ब्लॉग पे आने से इस केलिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लॉग पे भी अपना कीमती समय निकाल के आवे
सुँदर वार्तालाप चाँद से . आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंतरल संवेदनाओं से रची गई यह कविता मन को छू लेती है, आत्मीय लगती है और दिल से पढ़ने की अपेक्षा रखती है।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं...बहुत ही सुन्दर भावों को अपने में समेटे शानदार कविता.
राधा और कान्हा के लिए लिखी काल्पनिक रचना का बेजोड स्वाद है ... बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर भावों और शब्दों से सजी मनमोहक प्रेम कविता !
जवाब देंहटाएंबहुत मधुर! बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंबेहद मधुर गीत
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और गेय रचना प्रस्तुत की है आपने!
जवाब देंहटाएं--
चंदा से बहुत भाव भरी बातें हो रही हैं कविता के मध्यम से .. बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंअत्यंत संवेदनशील, भावनात्मक और मधुर रचना.
जवाब देंहटाएंरामराम.
वाह मधुर भावो की सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।
http://tetalaa.blogspot.com/
bahut sunder bhavo kee abhivykti.....
जवाब देंहटाएंमधुर भावनाओ की प्यारी-प्यारी प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति है!
जवाब देंहटाएंरक्षाबन्धन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं तथा बधाई
जवाब देंहटाएंह्रदय को झंकृत करती रचना . अच्छी लगी यह कविता।
जवाब देंहटाएंअद्भुत प्रेम संरचना, चाँद प्रेम का शीतलता भी लिये है और प्रतीक्षा की अग्नि भी।
जवाब देंहटाएंमधुर भावों से परिपूर्ण लगी रचना ........
जवाब देंहटाएंबहुत मिठास से भारी...सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति!!
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें
aise lag raha hai jaise prem geet koi gunguna raha ho chand ke pehlu main baith kar , bahut accha laga aapke blog par aakar sadar naman
जवाब देंहटाएंकई जिस्म और एक आह!!!
बहुत ही मधुर ... मिठास और विरह के रंग में रची लाजवाब रचना ... लयबद्ध गीत की तरह ...
जवाब देंहटाएंइस बेहद खूबसूरत रचना के लिए बधाई आपको !
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसुन्दर गीत है वाणी जी.
जवाब देंहटाएंआज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.
अद्भुत प्रेम गीत भावनाओं को बहुत सुंदरता से उकेरा है. बधाई वाणी जी इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए.
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण रचना |बधाई
जवाब देंहटाएंआशा
कोमल भाव की रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
आप के गीत मधुर हैं इन्हें लिखती रहें ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपके गीतों को !
वाणी जी आपके गीत ने तो मन मोह लिया तारीफ के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं चाँद से वार्तालाप ...वाह एक कवी हर्दय ही कर सकता है
जवाब देंहटाएंsundar dil ko chhune wali rachna !
जवाब देंहटाएंयह कविता मन को छू लेती है, आत्मीय लगती है,.सुंदर
जवाब देंहटाएंmy recent post....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....
sundar prastuti,... badhai
जवाब देंहटाएंकोमल भाव..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी...
आप ने लिखा...
कुठ लोगों ने ही पढ़ा...
हमारा प्रयास है कि इसे सभी पढ़े...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना....
दिनांक 26/10/2015 को रचना के महत्वपूर्ण अंश के साथ....
पांच लिंकों का आनंद पर लिंक की जा रही है...
इस हलचल में आप भी सादर आमंत्रित हैं...
टिप्पणियों के माध्यम से आप के सुझावों का स्वागत है....
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
कुलदीप ठाकुर...
बेहतरीन
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