पगतलियों के छालों को सहलाते
भींचे लबों से जब कुछ गुनगुना पाओगे
अश्रु छिपे कितने मुस्कुराती आँखों के सागर में
तब ही तो समझ तुम पाओगे...
रंग -रूप ,यौवन, चंचलता से नजर चुरा कर
जब मुझसे मिलने आ पाओगे
सौन्दर्य रूह का है कितना उज्जवल कितना पावन
तब ही तो जान तुम पाओगे......
जिनके होठों पे हँसी पाँव में छाले होंगे
जवाब देंहटाएंहाँ वही लोग तुझे ढुँढने वाले होंगे.
आपका कविता सचमुच उन्हीं भावों को व्यक्त करती है.. बहुत सुंदर!!
अरे वाह इतनी सुन्दर और भावभरी रचना!
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बेहतरीन!
वाह !! वाह !!
जवाब देंहटाएंकविता तो खैर है ही .....
जवाब देंहटाएंकाश कोई भी कभी तो मुझे मिलता जिसने रूह को देखा समझा हो और जो बता पाता कि रूह का अता पता क्या है ?
और जब तुम रूह तक पहुँच पाओगे
जवाब देंहटाएंतो बहुत कुछ जान जाओगे
waah behtareen kavita....
जवाब देंहटाएं----------------------------------
मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..
जरूर आएँ..
आन्तरिक सौन्दर्य अन्ततः समझ में आता ही है लोगों को।
जवाब देंहटाएंवाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
जवाब देंहटाएंसुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.
जवाब देंहटाएं@ अरविन्द जी ,
जवाब देंहटाएंजिस्मों पर प्रकटित होने से पहले प्रेम भी कहां दिखता है ? शायद रूह को भी इसी तर्ज़ पर देखने से कुछ राहत हो :)
@ वाणी जी ,
बंद लबों की गुनगुन ,मुस्कराहट के पार्श्व का दर्द ,यौवन से नज़र फेर कर मिलन की आरजूओं के दरम्यान रूहानियत का सौंदर्य उकेरा है आपनें ! आपका चुनाव शाश्वत बनाम क्षणभंगुर में से एक है !
मुझे तो अच्छी लगी ये कविता !
जिसने रूह को छू लिया उसके बाद जानने को बचा ही क्या।
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत भावाव्यक्ति।
आज का अंदाज तो एकदम फल्सफाना है ..बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंरूह की सुन्दरता देखने की फुर्सत ही नहीं..किसी को भी..बाहरी सौन्दर्य में ही उलझ का ररह जाते हैं...
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर रचना
bahut sundar likhti hai aap.......badai
जवाब देंहटाएंसच है किसी को जानने के लिए मन की आँखों से देखना होता है .... बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....
जवाब देंहटाएंरंग -रूप ,यौवन, चंचलता से नजर चुरा कर
जवाब देंहटाएंजब मुझसे मिलने आ पाओगे...
kya baat hai........pyari rachna!!
भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियाँ -- भावपूर्ण रचना !
जवाब देंहटाएंbeautiful expression!
जवाब देंहटाएंसुंदर बहुत सुंदर गहरे भाव लिए.
जवाब देंहटाएंदी...बहुत सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..... सूक्ष्म भावनाओ की खुबसूरत अभिव्यक्ति ..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरती से भावों को संजोया है ...सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंi like ur blog's appearance......
जवाब देंहटाएंfew lines able to say everything......
such a good post....... good work!
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति। रूह का सौन्दर्य बहुत सुन्दर ,उज्जवल और पावन है
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