रविवार, 19 सितंबर 2010

तब ही तो जान तुम पाओगे ...




पगतलियों
के छालों को सहलाते
भींचे लबों से जब कुछ गुनगुना पाओगे

अश्रु छिपे कितने मुस्कुराती आँखों के सागर में
तब ही तो समझ तुम पाओगे...

रंग -रूप ,यौवन, चंचलता से नजर चुरा कर
जब मुझसे मिलने पाओगे

सौन्दर्य रूह का है कितना उज्जवल कितना पावन
तब ही तो जान तुम पाओगे......





27 टिप्‍पणियां:

  1. जिनके होठों पे हँसी पाँव में छाले होंगे
    हाँ वही लोग तुझे ढुँढने वाले होंगे.
    आपका कविता सचमुच उन्हीं भावों को व्यक्त करती है.. बहुत सुंदर!!

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  2. अरे वाह इतनी सुन्दर और भावभरी रचना!
    --
    बेहतरीन!

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  3. कविता तो खैर है ही .....
    काश कोई भी कभी तो मुझे मिलता जिसने रूह को देखा समझा हो और जो बता पाता कि रूह का अता पता क्या है ?

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  4. और जब तुम रूह तक पहुँच पाओगे
    तो बहुत कुछ जान जाओगे

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  5. waah behtareen kavita....
    ----------------------------------
    मेरे ब्लॉग पर इस मौसम में भी पतझड़ ..
    जरूर आएँ..

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  6. आन्तरिक सौन्दर्य अन्ततः समझ में आता ही है लोगों को।

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  7. सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.

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  8. @ अरविन्द जी ,
    जिस्मों पर प्रकटित होने से पहले प्रेम भी कहां दिखता है ? शायद रूह को भी इसी तर्ज़ पर देखने से कुछ राहत हो :)

    @ वाणी जी ,
    बंद लबों की गुनगुन ,मुस्कराहट के पार्श्व का दर्द ,यौवन से नज़र फेर कर मिलन की आरजूओं के दरम्यान रूहानियत का सौंदर्य उकेरा है आपनें ! आपका चुनाव शाश्वत बनाम क्षणभंगुर में से एक है !
    मुझे तो अच्छी लगी ये कविता !

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  9. जिसने रूह को छू लिया उसके बाद जानने को बचा ही क्या।
    बेहद खूबसूरत भावाव्यक्ति।

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  10. आज का अंदाज तो एकदम फल्सफाना है ..बहुत बढ़िया.

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  11. रूह की सुन्दरता देखने की फुर्सत ही नहीं..किसी को भी..बाहरी सौन्दर्य में ही उलझ का ररह जाते हैं...
    बेहद सुन्दर रचना

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  12. सच है किसी को जानने के लिए मन की आँखों से देखना होता है .... बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....

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  13. रंग -रूप ,यौवन, चंचलता से नजर चुरा कर
    जब मुझसे मिलने आ पाओगे...

    kya baat hai........pyari rachna!!

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  14. बहुत सुंदर पंक्तियाँ -- भावपूर्ण रचना !

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  15. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

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  16. बहुत सुन्दर..... सूक्ष्म भावनाओ की खुबसूरत अभिव्यक्ति ..

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  17. बहुत खूबसूरती से भावों को संजोया है ...सुन्दर अभिव्यक्ति

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  18. i like ur blog's appearance......
    few lines able to say everything......
    such a good post....... good work!

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  19. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति। रूह का सौन्दर्य बहुत सुन्दर ,उज्जवल और पावन है

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