नव वर्ष की पूर्व संध्या में
दो मंजिले नए पुते
घर के एक कोने में
कड़कड़ाती सर्दी
हीटर से गर्म कमरों में
केक , पेस्ट्री , मिठाई
कभी गर्म प्याले कॉफी
कभी ढल रहे ज़ाम!
खेलते -कूदते बच्चों से
गुलज़ार घर में !
घर के ही एक कोने में
विधवा वृद्धा माँ
पका कर खाना
नल के ठन्डे पानी से
बरतन धो
अभी निकली है
अबोलेपन में
गली के नुक्कड़ तक !
मिट्टी के चूल्हे पर
फटे -पुराने कपड़ों में
हाथ सेक लेने की मनुहार करती
नुक्कड़ पर ढाली खटिया
खानाबदोश परिवार
चूल्हे पर सिकती रोटियां
संग हाथ सेकती वृद्धा माँ!!
माँ कहती है शब्दों में
कट जाता है गरीबों का समय
सहारा मिल जाता है इनको
दो घडी बतिया लेने में !
रुक जाती है जुबान
मन में कहते
कहाँ बैठी हो माँ !!
बेटी पढ़ती है
आँखों की भाषा
किसका कौन सहारा माँ !
नोट -चित्र गूगल से साभार लिया गया है। आपत्ति होने पर हटा दिया जाएगा !
हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
जवाब देंहटाएंहों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||
शुभकामनायें आदरणीया
मार्मिक. नववर्ष की शुभकामनाए।
जवाब देंहटाएंबहुत ही मार्मिक पर कटु सत्य ..
जवाब देंहटाएंकटु सत्य...
जवाब देंहटाएंहम अपनी खुशियों में ये छोटे किंतु गहरे दु:खों की सुध लेना भूल जाते हैं... बहुत ही मार्मिक, किंतु यथार्थ, जिससे मुँह तो नहीं मोड़ा जा सकता!!
जवाब देंहटाएंबहौत सुंदर प्रस्तुति - पंकज त्रिवेदी
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा, सुंदर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाए
RECENT POST -: नये साल का पहला दिन.
ऐसा यथार्थ जिसको देख के भी सोचना नहीं चाहते ...
जवाब देंहटाएंमार्मिक ... मन को छूती हुई रचना ...
चलिए... उनसे तो बेहतर ही जो धक्के मार कर घर से बाहर कर देते हैं..
जवाब देंहटाएंबेटी पढ़ती हैं आँखों की भाषा . . . .
जवाब देंहटाएंबढ़िया !!
बहुत मार्मिक। ।
जवाब देंहटाएंकहानी कहाँ है ? जल्दी जल्दी पोस्ट करिये
बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर एवं मार्मिक .
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनाएँ !!
नई पोस्ट : नींद क्यों आती नहीं रात भर
मार्मिक चित्रण । बहुत गहन भाव |
जवाब देंहटाएंदर्द ही दर्द से भरी लेखनी
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया और मार्मिक लेखन...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो
मार्मिक चित्रण।
जवाब देंहटाएंअंतस को गहराई तक भिगोती बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंजीवन के बहुत से रंग हैं
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