ख़्वाबों में ही सही सुनहरे हर्फ़ से लिखे
खूबसूरत अफसाने
हकीकत की जमीन पर सर पटकते रहे !
समंदर की रेत पर
सीपियों से बनायेखूबसूरत चित्र
लहरों की तानशाही पर भटकते रहे !
वह शरारती बच्चे की मानिंद
भाग्य के इरेजर से
कर्मों की हर तहरीर को झुठलाता
उसका लिखा हर हर्फ़ मिटाता गया !
झुंझलाकर तोड़ दी
उसने सारी कलमें
बिखेर दी सब स्याही
मिटा डाले सुन्दर चित्र
लो....खुद ही लिख लो ...
जो लिखना है तुम्हे
बना लो जो चित्र बनता है तुमसे ...
बच्चे की शरारतों का जवाब क्या हो सकता था !!
रोककर सारी शैतानियाँकलम फंसा दी अँगुलियों में ....
आँखों में झांककर मुस्कुराता
हाथ पकड़कर उसने
लिखवा दिया उससे उसका नाम जिंदगी
वह मुस्कुरा उठी ....
बिखरे सारे रंगों को समेटा
जीवंत हो गए उसके बनाये चित्र
रख दिया उसने उनका नाम जिंदगी
खूबसूरत अफसाने
हकीकत की जमीन पर सर पटकते रहे !
समंदर की रेत पर
सीपियों से बनायेखूबसूरत चित्र
लहरों की तानशाही पर भटकते रहे !
वह शरारती बच्चे की मानिंद
भाग्य के इरेजर से
कर्मों की हर तहरीर को झुठलाता
उसका लिखा हर हर्फ़ मिटाता गया !
झुंझलाकर तोड़ दी
उसने सारी कलमें
बिखेर दी सब स्याही
मिटा डाले सुन्दर चित्र
लो....खुद ही लिख लो ...
जो लिखना है तुम्हे
बना लो जो चित्र बनता है तुमसे ...
बच्चे की शरारतों का जवाब क्या हो सकता था !!
रोककर सारी शैतानियाँकलम फंसा दी अँगुलियों में ....
आँखों में झांककर मुस्कुराता
हाथ पकड़कर उसने
लिखवा दिया उससे उसका नाम जिंदगी
वह मुस्कुरा उठी ....
बिखरे सारे रंगों को समेटा
जीवंत हो गए उसके बनाये चित्र
रख दिया उसने उनका नाम जिंदगी
फिर उसने जब भी लिखा जिंदगी
बन गया हर गीत उसका जिंदगी
बहु मर्मस्पर्शी और वात्सलय पू रण
जवाब देंहटाएंवनीगीत जी बधाई
जवाब देंहटाएंsundar zindagii ke rang .....bahut sundar rachna Vani ji ...
जवाब देंहटाएंसुंदर शब्द-चित्र!
जवाब देंहटाएंये जिंदगी के किस्से कभी खत्म नहीं होंगे..
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर कोमल भाव रचना...
जवाब देंहटाएं:-)
वाह बहुत खूब ...जिंदगी जिंदाबाद :) :)
जवाब देंहटाएंऐसे मुस्कुराते रंग ज़िन्दगी ही कहे जा सके हैं.... बहुत सुंदर लिखा है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर उत्कृष्ट भावपूर्ण रचना ....!
जवाब देंहटाएं==================
नई पोस्ट-: चुनाव आया...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया-
ज़िंदगी की व्याख्या इतनी सरल और सुरुचिपूर्ण, सहज और सार्थक भी हो सकती है यह आज जाना इस कविता से!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर!!!
अनु
खूबसूरत जिंदगी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (02-112-2013) को "कुछ तो मजबूरी होगी" (चर्चा मंचःअंक-1449)
पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत आभार !
हटाएंरंग भरता रहता है जीवन यूँ ही रंगरेज़ की तरह. अति सुंदर कृति.
जवाब देंहटाएंजीवंत... ज़िन्दगी!
जवाब देंहटाएंक्या बात है, आज तो बात ही कुछ और है। वाह।
जवाब देंहटाएंवाह ! वाह ! वाह !
जवाब देंहटाएंसुन्दर बुनी गुनी जिन्दगी।
जवाब देंहटाएंमेरे घर आना जिंदगी ... कुछ ऐसी ही प्यारी सी लगी यह कविता
जवाब देंहटाएंयूं तो जिंदगी बडा उलझाव लिये रहती है पर आपने बहुत ही सहजता से इसे अभिव्यक्त कर दिया, बहुत सशक्त भाव.
जवाब देंहटाएंरामराम.
दिख रहा है कि कैसे हंसती-मुस्कुराती है जिंदगी..
जवाब देंहटाएंनए रंगों से भरी जिंदगी और भी खुद ही लिखी हो ... तो मुस्कुरा उठती है जिंदगी ...
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति दिल को छूते हुई .......
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात! बहुत ख़ूब!
जवाब देंहटाएंइसी मोड़ से गुज़रा है फिर कोई नौजवाँ और कुछ नहीं
वाह! लाज़वाब अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंwaaaah
जवाब देंहटाएंअति सुंदर...
जवाब देंहटाएंमन की गिरह खोलती सार्थक और भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंप्रेम और अपनेपन का कोमल अहसास
सादर
सुंदर प्रस्तुति।।।
जवाब देंहटाएंयह न समझो देव पूजा के सजीले उपकरण ये,
जवाब देंहटाएंयह न मानो अमरता से माँगने आए शरण ये,
स्वाति को खोजा नहीं है औ' न सीपी को पुकारा,
मेघ से माँगा न जल, इनको न भाया सिंधु खारा !
शुभ्र मानस से छलक आए तरल ये ज्वाल मोती,
प्राण की निधियाँ अमोलक बेचने का धन नहीं है ।
अश्रु यह पानी नहीं है, यह व्यथा चंदन नहीं है ! ........ महादेवी वर्मा
उपर्युक्त काव्य अंश एक यज्ञ बोल से कम नहीं इसके साथ एक विशेष उत्सवी आरम्भ
http://www.parikalpnaa.com/2013/12/1.html
वाणी जी, बहुत अच्छा लगा आपका ब्लॉग पर आना
जवाब देंहटाएंइसके लिए बहुत बहुत आभार आपका !
रही बात आपकी इस खूबसूरत रचना की क्या कहूं मन को छू कर
सीधे दिल में उतर गई, बहुत सुन्दर रचना जो जिंदगी की खूबसूरत व्याख्या है !
बहुत सुंदर !
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