सागर की वंशज की आँखों में ख्वाब
भागीरथ की गंगा बन धरती पर आया
पंछियों से उड़ने का ख्वाब
राईट बंधुओं की हकीकत बन आया
चाँद को पा लेने का ख्वाब पला कितनी आँखों में
मानव चाँद पर भी हो आया
इन बड़े- बड़े ख़्वाबों के बीच
छोटे ख्वाब भी होते हैं
जो किसी गरीब की आँखों में पलते हैं
दिन भर की मशक्कत के बाद भी
भूख से कुलबुलाती अंतड़ियों में
अन्न का एक दाना नहीं तो
पत्थरों की खुरदरी जमीन पर
ख्यालों की मसनदें सुनाती है लोरियां
स्व को बचाए उस आने वाले कल तक
खुद को जिन्दा रखने के लिए
सूखी आँखों में ख्वाब ज़रूरी है ....
उजड़ा चमन , बिखरे पत्ते
स्याह बियाबान में
सर्द हवाओं से कंपकंपाते
अधढके बेजान होते शरीरों में
कल सुबह सूरज की तपिश का
ख्वाब ज़रूरी है ...
कडकडाती बिजलियों सी मुश्किलें
तूफ़ान सी मुसीबते राह राह रोके खड़ी हों
टूट कर ना बिखर जाएँ शख्सियतें
ईश्वर के दिए इस जीवन का मान रखते
चट्टान से अडिग विश्वास के साथ
अधमुंदी पलकों में
मुट्ठी भर ख्वाब ज़रूरी है ....
भागीरथ की गंगा बन धरती पर आया
पंछियों से उड़ने का ख्वाब
राईट बंधुओं की हकीकत बन आया
चाँद को पा लेने का ख्वाब पला कितनी आँखों में
मानव चाँद पर भी हो आया
इन बड़े- बड़े ख़्वाबों के बीच
छोटे ख्वाब भी होते हैं
जो किसी गरीब की आँखों में पलते हैं
दिन भर की मशक्कत के बाद भी
भूख से कुलबुलाती अंतड़ियों में
अन्न का एक दाना नहीं तो
पत्थरों की खुरदरी जमीन पर
ख्यालों की मसनदें सुनाती है लोरियां
स्व को बचाए उस आने वाले कल तक
खुद को जिन्दा रखने के लिए
सूखी आँखों में ख्वाब ज़रूरी है ....
उजड़ा चमन , बिखरे पत्ते
स्याह बियाबान में
सर्द हवाओं से कंपकंपाते
अधढके बेजान होते शरीरों में
कल सुबह सूरज की तपिश का
ख्वाब ज़रूरी है ...
कडकडाती बिजलियों सी मुश्किलें
तूफ़ान सी मुसीबते राह राह रोके खड़ी हों
टूट कर ना बिखर जाएँ शख्सियतें
ईश्वर के दिए इस जीवन का मान रखते
चट्टान से अडिग विश्वास के साथ
अधमुंदी पलकों में
मुट्ठी भर ख्वाब ज़रूरी है ....
सच कहा वाणी जी! अधमुंदी पलको में मुट्ठी भर ख्वाब जरुरी है..बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण रचना है …
सच है, ख़्वाबों का ज़िंदा रहना ज़रूरी है… … …
आभार ! साधुवाद !
बहुत सच कहा, बिना ख्वाब के जिंदगी का कोई मायने नही है, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सागर की वंशज की आँखों में ख्वाब
जवाब देंहटाएंभागीरथ की गंगा बन धरती पर आया
पंछियों से उड़ने का ख्वाब
राईट बंधुओं की हकीकत बन आया ... ये हैं ख्वाब के हकीकत ! ख्वाब ही तो हकीकत की बुनियाद हैं
इसलिए ही मैं कहती हूं कि साहित्यकार कल्पना करता है और वैज्ञानिक उसे मूर्तरूप देता है।
जवाब देंहटाएंयह ख्वाब ही तो वह जिद्द है ...जो उन्हें जिलाए है ......जो उन्हें जीने के लिए प्रेरित करते हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक रचना ....लोक और परलोक को जोड़ता है ख्वाब ..हमे ईश्वर से और सच्चाई से भी जोडते हैं ये ख्वाब ......इन्हें ही गुनते ...बुनते जीवन निकल जाता है ...!!
जवाब देंहटाएंबिना ख्वाब के जीना भी कोई जीना है...
जवाब देंहटाएंबेमकसद की यात्रा है मानों...
सुन्दर रचना वाणी जी
बधाई.
अनु
बेहद सशक्त भाव लिए अनुपम प्रसतुति ... ख्वाब तो जिन्दगी का अभिन्न अंग होते हैं ...
जवाब देंहटाएंछोटे छोटे ख्वाब ही जीने की प्रेरणा बनाते हैं .... बहुत सुंदर और सशक्त रचना
जवाब देंहटाएंsapne hain to zindagi ke sab rang apne hain sundar rachna ..
जवाब देंहटाएंजी बेशक... ख्वाब ज़रूरी हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेक्टिकल बात गहरे अहसासों के साथ लिख दी है.ख्वाब बहुत जरुरी हैं..निश्चित ही.
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा वाणी जी वाकई ख्वाब बहुत जरुरी हैं ..ख्वाब नही तो जिंदगी नही ......
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी आपकी यह रचना ...मेरे दिल की बात कही आपने
धन्यवाद
मुठ्ठी भर ख्वाब हाथ में रहेंगे तो शक्ति बनी रहेगी..
जवाब देंहटाएंख्वाब ना हो तो जीने का बहाना भी ना रहे...ख़्वाबों को पूरा करने की जद्दोजहद का नाम ही तो जिंदगी है.
जवाब देंहटाएंहर ख्याब जरुरी होता हैं ...जो एक नयी सोच के साथ हिम्मत भी देता हैं
जवाब देंहटाएंतस्वीर बनाता हूँ तस्वीर नहीं बनती
जवाब देंहटाएंएक ख़्वाब सा देखा है ताबीर नहीं बनती
पता नहीं कविता पढ़ते हुए कैसे याद आया! याद आया सो लिख रहा हूं इस पर भी आपसे सहमत हूं कि ख्वाब ज़रूर होने चाहिये वर्ना इंसान नाकारा हो जाएगा !
साँसों सी ही होती हैं ख्वाबें..सुन्दर लिखा है..
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ..
जवाब देंहटाएंख्वाब ही तो जीवन बदलने में समर्थ है ..
समग्र गत्यात्मक ज्योतिष
जीने के लिए एक चाह आवश्यक है ...
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !
अधमुंदी पलको में मुट्ठी भर ख्वाब जरुरी है..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..........
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
विज्ञान और प्रकृति दोनों अभिव्यक्त हुए हैं इस रचना के माध्यम से ...!
जवाब देंहटाएंख़्वाबों में ही जीता रहा वरना ज़िन्दगी तो कब की दम तोड़ चुकी थी |
जवाब देंहटाएंmutthi bhar khowab zaroori hai.....
जवाब देंहटाएंयह जीवन ही ख्वाब है सो इस ख्वाब को बचाए रखने के लिये भी ख्वाब ही चाहिये..
जवाब देंहटाएंआम आदमी की व्यथा को उकेरती एक प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्रभावित करती खूबसूरत कविता
जवाब देंहटाएंएक मुट्ठी ख्वाब ही जीने का सहारा बन जाते हैं...बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंआखों में ख्वाब हों तो चाल तेज हो जाती है। ख्वाब बिन तो हर चौराहा भटकाता है।
जवाब देंहटाएंबिकुल सही कहा आपने .......कुछ ख्वाब जरुरी है .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..!!
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