जीवन की उबड़ खाबड़ पगडण्डी पर चलते हुए कई बार राह बहुत कठिन हो जाती है ...
पथरीली राहें पैरो को लहू लुहान कर जाती है ... राह के कांटे भी गहरी टीस दे जाते हैं ....
मगर आपका स्वयं पर विश्वास हो तो राह के कंटीले पंथ ख़ुद आपका रास्ता छोड़ कर खड़े हो जाते हैं....
रूखे सूखे थे होंठ कभी
बिखरे भी हुए रहते थे बाल
विदीर्ण हुआ था ह्रदय कभी
ना सध पाती थी चाल
ख़त्म होने को लगती थी
जीवन की हर आस
मगर नही टूटा जो वह था
मुझमे मेरा विश्वास
अपनों ने फेरी थी नजरें
गैरों के भी थे व्यंग्य बाण
हर अंगुली उठ जाती थी
कम करने को आन औ मान
घिरते थे संशय के बादल
शाम रहती थी उदास
मगर नही टूटा जो वह था
मुझमे मेरा विश्वास
मुश्किल लगती थी हर डगर
पलकों पर अटके थे मोती
कम होती मुखड़े पर रौनक
उम्मीदों की बुझती ज्योति
ख़त्म होने को लगता था
जीवन का यह मधुमास
मगर नही टूटा जो वह था
मुझमे मेरा विश्वास...
चित्र गूगल से साभार
ati sundar ...Jiwan me safal hone ke liye hame apne or Bhagwan par pura vishwash hona jaroori hai..Kyoki prabhu jo karta hai wo achhe ke liye hi karta hai
जवाब देंहटाएंये विश्वास न डिगे , सब संभव है फिर
जवाब देंहटाएंसुंदर पंक्तियाँ
वाह.......खुद्पर यदि विश्वास हो तो हर मुश्किल आसान हो जाता है....
जवाब देंहटाएंआपके मज़बूत आत्म विश्वास के लिए मंगलकामनाएं ..
जवाब देंहटाएंबस...ये आस न टूटे कभी....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तियाँ.
सादर
अनु
सुन्दर कविता. आस है तो ज़िन्दगी है.
जवाब देंहटाएंवाह !!! बेहतरीन सुंदर रचना,आभार,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
जवाब देंहटाएंऔर टूटना भी नहीं चाहिए ......यही तो वह पतवार है ...जो तूफानों से भी खींच लाती है ....:)
विश्वास के बीज हो तो बंजर धरती की मिटटी भी मुलायम हो जाती है ..... जब हल टूटते हैं,चट्टान नहीं हिलते तो घबराहट होती है,पाँव डगमगाते हैं,पर विश्वास के आगे अपनी जीत है ...... विश्वास - कौन है देव,कौन है असुर
जवाब देंहटाएंविश्वास - क्या है सही और क्या है गलत
विश्वास - और कोई हो न हो .... ईश्वर साथ है
उम्मीद पर दुनिया कायम है, विशवास भी कायम रखे।।
जवाब देंहटाएंलिखते रहिये
विश्वास ही मनोबल बनाए रखता है -कभी भी न टूटे विश्वास!
जवाब देंहटाएंयेब्बात !!!
जवाब देंहटाएंयह जज्बा बना रहे तो क्या बात हो!
बहुत सुन्दर उदगार ह्रदय के .....यही विश्वास सात समुन्दर भी पर करा देता है वाणी जी ...!!बहुत प्रेरक रचना ....!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ....
जवाब देंहटाएंस्वयं पर विश्वास ही जीवन में आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है ....
मुझे अपने विद्यार्थी जीवन की एक प्रार्थना याद आ गयी ---
हमको मनकी शक्ति देना, मन विजय करें ।
दूसरोंकी जयसे पहले, खुदकी जय करें ।
हमको मनकी शक्ति देना ॥
आवारगी अपना लेनी चाहिये मन में और बढ़ते रहना चाहिये। सुन्दर भाव..
जवाब देंहटाएं.आत्मविश्वास ही वो नाविक है जो तूफान से जीवन-नाव को पार लगता है !!बहुत प्रेरक रचना !!
जवाब देंहटाएंlatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
mn me hai vishvas pura hai vishvas
जवाब देंहटाएंhm honge kamyab aik din
sundar vishvas sundar kavita .
बस खुद पर विश्वास बना रहे तो हर बाधा पार हो जाती है सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआत्मविश्वास से ही तो जीवन-जग की हर जंग जीती जा सकती है ...
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें !!
अच्छी कविता यह विश्वास बना रहे
जवाब देंहटाएंबस यही एक विश्वास है जो सतत चलने की प्रेरणा देता है ...
जवाब देंहटाएंऊर्जा देता है मन को ...
भावमय रचना ...
सहज बोध से गूढ़-गम्भीर बात कह दी।
जवाब देंहटाएंतदि रहे अखण्ड मन का विश्वास तो वे सारी मुश्किलें थक हार कर रफूचक्कर हो जाती है।
ला-जवाब!!
बस वही एक विश्वास बना रहे, फिर कोई भी परेशानी आये झेल ली जाती है.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत ही उत्प्रेरक और विश्वास जगाती रचना, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
यही विश्वास अंतत: मंजिल तक ले जाता है.....सुन्दर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंऔर यह विश्वास टूटना भी नहीं चाहिए ,कभी
जवाब देंहटाएंबस खुद पर विश्वास कायम रहे .
सुन्दर कविता
बहुत सुंदर रचना ! इसी विश्वास के सहारे हर बाधा का सामना किया जा सकता है और आँसुओं की नमी को फूलों की स्निग्ध मुस्कराहट में बदला जा सकता है !
जवाब देंहटाएंआत्म शक्ति है तो पैर बढ़ते रहेंगे और सीधे पड़ेंगे ही ...
जवाब देंहटाएंअरे वाह! बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंविश्वास ही हमारी परम पूंजी है..जीवनपथ का पाथेय...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंbehad jiavnt kavita.
जवाब देंहटाएंvishvas ko aur dridh karti huyee.
saabhaar!
घिरते थे संशय के बादल
जवाब देंहटाएंशाम रहती थी उदास
मगर नही टूटा जो वह था
मुझमे मेरा विश्वास
ईश्वर करे, ये विश्वास कभी किसी का न टूटे :)
विश्वास ही सफ़लता का आधार है, सुंदर कविता
जवाब देंहटाएंपढ़कर अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंBahut sundar...
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रेरक कविता है वाणी जी!! किसी भी इंसान के लिए जीते जी मरने का क्षण होता है जब वो स्वयं पर दया करने लगे, स्वयं पर उंगली उठाने लगे.. यह स्वयं पर स्वयं का विश्वास ही आदमी को इंसान बनाता है!!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता!!
बहुत सुन्दर उदगार...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएंBahut sarthak aur sakaratmak post....achchhi kavita.
जवाब देंहटाएंPoonam
बस मन का यह विश्वास बना रहे यही सच्चा संबल है -बहुत प्रेरक कविता!
जवाब देंहटाएंविश्वास ही तो जीवन की धुरी है ! अच्छी कविता ! लय ताल भाव दुरुस्त !
जवाब देंहटाएंWhat matters most is how you see yourself
जवाब देंहटाएं***
Perfect quote and your poem too is so apt and beautiful!
Regards,