सुपात्र होने पर भी
जिनकी जीभ नहीं लपलापायी
मुफ्त का सामान देखकर
किया हो जिन्होंने न्याय पर विश्वास
मुफ्त बांटे जाने वाली लाईन में
बिना धक्का मुक्की किये
अगली पंक्ति को लंगड़ी मार कर गिराए बिना
अपनी बारी का करते इंतज़ार
रह गये जो सबसे पीछे ...
उनका नंबर आने तक
खाली हो गयी दाता की झोली!
विधि की कठोरता
असमानता और अन्याय पर
करें यदि सवाल
सोचना तो बनता है !
पिछली शीत ऋतु में
जिन गिलहरियों ने
मुफ्त की मूंगफलियाँ ...
छक कर खाई हों
मिट्टी में मुंह दबा कर
मौसम के कहर पर आंसू बहाए आज
हँसना तो बनता है !!
जिसने खाई हो
मुफ्त की रेवड़ियाँ रच कर...
उनका ही
ग्रीष्मकालीन अवकाश में कर देना
तिल की गुणवत्ता
चीनी -गुड के भाव पर बवाल
हँसना तो बनता है!!
वाह वाह, हँसना तो बनता है जी :)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया वाणी जी |
जवाब देंहटाएंबधाई ||
मूंगफली भरपेट खा, मुफ्तखोर की खीज |
खांसी जकड़ी गले को, बड़ी बुरी यह चीज |
बुरा लगे भाई |
चापे गुड़ की रेवड़ी, चारबाग़ में बैठ |
बाढ़े गर मधुमेह तो, जाए मुझसे ऐंठ |
मेरी क्या खता ?
आपके शब्द कविता को लयबद्ध कर देते हैं ...
हटाएंबहुत आभार !
:)
जवाब देंहटाएंसाधु, साधु!
रह गए न्याय में तो लुटनेवाले जीत गए
जवाब देंहटाएंपर पड़ा जब सूखा तो वे उलट गए
न्याय की चौखट पर जिसने सीखी सहनशीलता
उनका हँसना तो बनता है ..... पर ऐसे में हँसना भी क्या , समय ही काफी है अन्याय का विरोध करने के लिए
...क्या समय आ गया है जब हंसने के लिए ऐसे बहाने मिलते हैं :-)
जवाब देंहटाएंहंसना तो बनता है..
जवाब देंहटाएंइतनी मजेदार बातो के बाद तो हंसना तो बनता ही है ...सुंदर प्रस्तुति ..बधाई
जवाब देंहटाएंसन्दर्भ को समझे बिना हंसने में कितनी कठिनाई होती है , कोई हमसे पूछे :)
जवाब देंहटाएंबहरहाल ब्लागजगत की ही कोई राजनीति होगी ये अंदेशा तो है , लेकिन एक बात और , ये ग्रीष्मावकाश का क्या चक्कर है ? कहीं कोई गुरूजी / चेलाजी तो कोपभाजन नहीं बनने वाले :)
'कोपभाजन' बोले तो 'हंसना तो बनता है' वाले अर्थ में :)
मुनासिब समझें तो सन्दर्भ की सूचना देने की कृपा करें , आखिर को हम भी थोडा बहुत जान लें कि माज़रा क्या है :)
वाह!! बहुत ही खूब!!
जवाब देंहटाएंहंसना तो बनता है पर दूसरे ही क्षण दया आने लगती है।
गहरा कटाक्ष ..... सबसे पीछे खड़े हैं हम लाइन में... झोली तो खाली होनी ही थी :):)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंयकीनन, हंसना तो बनता ही है
वाह ,,,, बहुत अच्छी मजेदार प्रस्तुति,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST काव्यान्जलि ...: किताबें,कुछ कहना चाहती है,....
:):) गज़ब गज़ब ...हँसना तो वाकई बनता है :).
जवाब देंहटाएंआखिरी पंक्तियाँ तो कमाल .
मजेदार प्रस्तुति वाणी जी |
जवाब देंहटाएंवाह: बहुत मजेदार प्रस्तुति.......वाणी जी..सस्नेह.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति व्यंग्य भी विनोद भी मोद भी .
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
मंगलवार, 22 मई 2012
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स्वागत बिधान बरुआ :आमंत्रित करता है लोकमान्य तिलक महापालिका सर्व -साधारण रुग्णालय शीयन ,मुंबई ,बिधान बरुआ साहब को जो अपनी सेक्स चेंज सर्जरी के लिए पैसे की तंगी से जूझ रहें हैं .
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वाह ...बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंWaniji aap apnee baat bahut hee badhiya tareeqese kahtee hain!
जवाब देंहटाएंसच है..
जवाब देंहटाएंआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 24 -05-2012 को यहाँ भी है
जवाब देंहटाएं.... आज की नयी पुरानी हलचल में .... शीर्षक और चित्र .
बहुत सुंदर वाणी जी । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंachchha vyangy
जवाब देंहटाएंकमाल की रचना है ...वाणी जी ...!!
जवाब देंहटाएंअचूक रहता है आपका लेखन....और परिपक्वता लिये हुए ....तभी वजनदार है लेखनी ....!!!!!!
बहुत शुभकामनायें....
वाह वाह वाणी जी......................
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर....
दाद देना तो बनता है .....
सादर.
हंसना जरूरी है इसलिए हंसते रहिए। वैसे भी रोने से क्या हासिल।
जवाब देंहटाएंपूरी की पूरी कविता यहाँ कट पेस्ट करने को जी चाह रहा है ....बहुत ही उम्दा प्रस्तुति वाणिजी
जवाब देंहटाएंबहुत मजेदार प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंसुन्दर...
व्यंग भरी इस लाजवाब रचना के लिए साधु वाद ...
जवाब देंहटाएंसच है जो इमानदारी से प्रतीक्षा करता है उसको कुछ नहीं मिलता .. पर सबसे ऊपर वाला दाता तो ये सब देख रहा है ...
बेहतरीन कटाक्ष्…………हंसना तो बनता ही है।
जवाब देंहटाएंतीक्ष्ण व्यंग्य है.... जो सचमुच सोचने पर मज़बूर करता है
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
हंसना तो वाकई बनता है ....
जवाब देंहटाएं:(
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जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा रचना -सोचना तो बनता है|
जवाब देंहटाएंहँसना तो बनता है|
करारा व्यंग
समझने की कोशिश कर रहे हैं
जवाब देंहटाएंजब तक न समझ पाए
अपनी नासमझी पर हंसना तो बनता है
जब आ जाएगा समझ
तो अपनी समझादी पर भी
हंसना तो बनेगा ही।
बेहतरीन कटाक्ष।..बधाई।
जवाब देंहटाएंbahut khoob, rachna padhna man bhaya
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
वाह ! वाह्ह!!!
जवाब देंहटाएंSahi baat hai!
जवाब देंहटाएंबिल्कुल बनता है :)
जवाब देंहटाएंsach me !! :))))
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