जिंदगी और समय-------------------

उससेलड़ना ...
झगड़ना ...
रूठना ...
चाहे मत मनाना ...
बस ...
कभी अलविदा मत कहना ...
उसने कभी मुड कर नहीं देखा ...
पलट कर देखना उसे आता नहीं ....
रुक जाना उसके वश में नहीं ....
क्या है वह ....!
जिंदगी या समय ...!
रुठते उससे कैसे भला
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किसी बात से खफा नहीं होना
बस मुस्कुरा देना
आदत मेरी कभी नहीं थी ....
रुठते मगर उससे कैसे भला
मनाना जिसकी आदत ही नहीं ...
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चित्र गूगल से साभार ..