शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021

अनूठा रहस्य प्रकृति का...





 रात भर जागकर हरसिंगार वृक्ष 

उसकी सख्त डालियों से लगे

नरम नाजुक पुष्पों की  करता रखवाली

कि

नरम नाजुक से पुष्प 

सहला देते सख्त वृक्ष के भीतर

सुकोमल भावों को...

अनूठा रहस्य है प्रकृति का!

8 टिप्‍पणियां:

  1. अपनत्व का स्पर्श कठोर हृदय को भी पिघला देता है
    बहुत सुन्दर

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज शुक्रवार 01 अक्टूबर  2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है....  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. आपकी लिखी कोई रचना सोमवार. 31 जनवरी 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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