tag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post8708829654223434727..comments2023-10-08T04:22:50.432-07:00Comments on गीत मेरे ........: झील होना भी एक त्रासदी है!वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-8289577304719798252013-05-03T22:29:07.234-07:002013-05-03T22:29:07.234-07:00सचमुच ....पर कब भीतर सब कुछ समाहित कर लेने की क्षम...सचमुच ....पर कब भीतर सब कुछ समाहित कर लेने की क्षमता रहे डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-4641451169695211562013-05-03T20:02:33.472-07:002013-05-03T20:02:33.472-07:00प्रेरक संदेश, सार्थक आलेख।प्रेरक संदेश, सार्थक आलेख।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-83437369016873868582012-09-20T19:15:45.429-07:002012-09-20T19:15:45.429-07:00sarthak sandesh ...
bahut sundar likha hai Vani ji...sarthak sandesh ...<br />bahut sundar likha hai Vani ji ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-13099460810068900062012-08-16T17:29:15.212-07:002012-08-16T17:29:15.212-07:00तो आजकल आप पर्यटन पर हैं.....?
वह कवि ही क्या जो ...तो आजकल आप पर्यटन पर हैं.....?<br /><br />वह कवि ही क्या जो प्रकृति का ह्रास देख द्रवित न हो जाये .....<br />कभी यही झील उपमा का जरिया बनती थी और आज त्रासदी .....<br /><br /><br />हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-34686533882958330332012-08-15T02:32:17.140-07:002012-08-15T02:32:17.140-07:00swatantrata diwas ki hrardik shubhkamnaye ...sunda...swatantrata diwas ki hrardik shubhkamnaye ...sundar rachna.kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-55926358289574549232012-08-15T01:25:37.201-07:002012-08-15T01:25:37.201-07:00बेहतरीन प्रस्तुति। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभक...बेहतरीन प्रस्तुति। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।वन्दे मातरम्...दिनेश शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04611824902026596107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-18402549064753428442012-08-14T11:18:42.394-07:002012-08-14T11:18:42.394-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति.स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक श...बहुत सुन्दर प्रस्तुति.स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें आभार <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए</a><br />एक निवेदन सभी महिला ब्लोग्गर्स से-आपको शिखा कौशिक के एक नए ब्लॉग <a href="//wwashikha.blogspot.com%22" rel="nofollow">''WORLD'sWOMAN BLOGGERS ASSOCIATION -JOIN THIS NOW</a> ''का लिंक दे रही हूँ यहाँ जुड़ें और महिला शक्ति को संगठित होने का सुअवसर दें.Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-261311046060838312012-08-14T08:17:38.305-07:002012-08-14T08:17:38.305-07:00प्रकृति की दी नेसर्गिक सुंदरता को नष्ट करने के लिए...प्रकृति की दी नेसर्गिक सुंदरता को नष्ट करने के लिए जिस तरह हम तत्पर हैं उससे अगली पीढ़ी के लिए नदी, झील जैसे बिंब शायद ही किसी कवि हृदय को उल्लासित कर पाएँ।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-33024322995187620672012-08-12T19:54:06.461-07:002012-08-12T19:54:06.461-07:00स्त्रियों को नदी होना चाहिए झील नहीं। झील होना एक ...स्त्रियों को नदी होना चाहिए झील नहीं। झील होना एक त्रासदी है। ..वाह! <br /><br />..झील हो तो साथ वृक्षों का मिले, पंछियों का मिले, पहाड़ों का मिले। लोभी मनुष्यों का न मिले।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-12331329796495816162012-08-12T19:46:54.383-07:002012-08-12T19:46:54.383-07:00पकृति के प्रशंसकों ने ही अपनी व्यावसायिक बुद्धि के...पकृति के प्रशंसकों ने ही अपनी व्यावसायिक बुद्धि के कारण नदियों, झीलों को गंदा किया है। पहले झील की सुंदरता पर मुग्ध हुए फिर आस पास घर बना लिया। व्यवसायिक बुद्धि आई तो सडकें होटल बनते गये। गंदगी का क्या करें सबसे आसान चलो नदियों, झीलों में बहा दें। कौन देखता है? धीरे-धीरे गंदगी का अंबार लगता गया। गंगा हो या नैनीतात। कंचनजंगा की पहाडियाँ हों या रोहतांग दर्रा सभी प्राकृतिक स्थलों को हम गंदा किये जा रहे हैं और खुद को प्रकृति प्रेमी भी कहते चले आ रहे हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-9309486903683660852012-08-12T10:16:12.834-07:002012-08-12T10:16:12.834-07:00सुन्दर चित्रण...उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई.....सुन्दर चित्रण...उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-68973542445333617272012-08-08T20:53:20.333-07:002012-08-08T20:53:20.333-07:00झील का बहाने बहुत ही बढ़िया सार्थक चिंतन ...झील का बहाने बहुत ही बढ़िया सार्थक चिंतन ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-18418907738410354212012-08-08T19:01:23.455-07:002012-08-08T19:01:23.455-07:00झील से स्त्री की तुलना नयी है...अच्छी भी है.झील से स्त्री की तुलना नयी है...अच्छी भी है.Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-64962449125182562292012-08-08T08:44:02.214-07:002012-08-08T08:44:02.214-07:00झील ही नहीं नदी होना भी एक त्रासदी है.. दिल्ली में...झील ही नहीं नदी होना भी एक त्रासदी है.. दिल्ली में जब जमुना को मेरी बेटी ने देखा तो मुझसे पूछने कगी कि इतना बड़ा नाला यहाँ कैसे आया.. तब यह विचार आया मन में कि हमने कालिंदी को काली-नदी बना डाला.. मगर झील सी गहरी आँखें कहने में भी अब डर लगता है.. बहुत ही खूबसूरत कविता, आपकी अन्य कविताओं की ही तरह!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-33010460398308894562012-08-08T05:31:41.206-07:002012-08-08T05:31:41.206-07:00त्रासदी की त्रासदी को उभारा है आपने.. जो अब केवल इ...त्रासदी की त्रासदी को उभारा है आपने.. जो अब केवल इसी के लिए ही अभिशप्त है..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-47144101260705841912012-08-08T05:26:11.474-07:002012-08-08T05:26:11.474-07:00सुंदर सार्थक रचना....
सादर।सुंदर सार्थक रचना.... <br />सादर।S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-80303190597572968322012-08-08T05:02:28.282-07:002012-08-08T05:02:28.282-07:00आपने सही कहा है...झील को स्वच्छ भी उन्हे बनाना है ...आपने सही कहा है...झील को स्वच्छ भी उन्हे बनाना है जिन्होंने इन्हें दूषित किया है..हर पर्यटक स्थल पर ऐसे स्वयंसेवी या गाइड होने चाहियें जो कूड़ा कचरा फेंकने वाले लोगों को दंडित करें.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-58427408730714167632012-08-07T23:19:35.622-07:002012-08-07T23:19:35.622-07:00sach hai jheel ho jana trasdi hai....sach hai jheel ho jana trasdi hai....kanu.....https://www.blogger.com/profile/16556686104218337506noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-49096548552960778112012-08-07T20:54:14.794-07:002012-08-07T20:54:14.794-07:00प्रकृति के प्रति हमारी संवेदनहीनता को आपने इस रचना...प्रकृति के प्रति हमारी संवेदनहीनता को आपने इस रचना के माध्यम् से दर्शाकर लोगों को जो जागरूक करने का प्रयास किया है, वह सराहनीय है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-84507186210549382322012-08-07T18:44:59.843-07:002012-08-07T18:44:59.843-07:00हमने तो गंगा के वेगवान प्रवाह को नहीं बख्शा, ठहरे ...हमने तो गंगा के वेगवान प्रवाह को नहीं बख्शा, ठहरे जल की कौन परवाह करे?संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-29197201396761888432012-08-07T09:15:33.037-07:002012-08-07T09:15:33.037-07:00ठीक ऐसी ही दशा हमारे हैदराबाद के हुसेंसागर झील की ...ठीक ऐसी ही दशा हमारे हैदराबाद के हुसेंसागर झील की भी है |G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-58707900495040801772012-08-07T08:10:17.553-07:002012-08-07T08:10:17.553-07:00बेहद प्रेरक संदेश देती सार्थक भाव लिए बेहतरीन प्रस...बेहद प्रेरक संदेश देती सार्थक भाव लिए बेहतरीन प्रस्तुति,,,,<br /><br />RECENT POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/08/blog-post_5.html" rel="nofollow">...: जिन्दगी,,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-23427669757539011572012-08-07T07:20:14.744-07:002012-08-07T07:20:14.744-07:00विचारणीय प्रश्न, प्रभावी कविता! जन-सामान्य में जान...विचारणीय प्रश्न, प्रभावी कविता! जन-सामान्य में जानकारी और ज़िम्मेदारी की कमी और प्रशासन की अकर्मण्यता मिलकर किसी भी झील, नदी या पूरे देश को गन्दा कर सकती है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-73053159873292765982012-08-07T06:33:43.781-07:002012-08-07T06:33:43.781-07:00बहुत खूब....
सार्थक भाव लिए सुन्दर रचना...
सादर
अन...बहुत खूब....<br />सार्थक भाव लिए सुन्दर रचना...<br />सादर<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-10594894163986030882012-08-07T04:52:23.271-07:002012-08-07T04:52:23.271-07:00मैंने नरभक्षी झीलों को भी देखा है,दलदल और पंक वाली...मैंने नरभक्षी झीलों को भी देखा है,दलदल और पंक वाली झीलों से आदमी को भी सावधान रहना चाहिएArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com