tag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post6353261104035339857..comments2023-10-08T04:22:50.432-07:00Comments on गीत मेरे ........: कवितायेँ आजकल " वाद" की ड्योढ़ी पर ठिठकी हैंवाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comBlogger49125tag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-72993925879196543722014-04-05T03:03:35.159-07:002014-04-05T03:03:35.159-07:00:):)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-11615085714224051332014-04-04T23:38:44.413-07:002014-04-04T23:38:44.413-07:00कविता तो हम भी लिख लेते हैं, पर ये शिल्प और शब्द क...कविता तो हम भी लिख लेते हैं, पर ये शिल्प और शब्द कहाँ से लाएँ ......... टू गुड दी !!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-89864978377432675662012-09-08T06:26:56.146-07:002012-09-08T06:26:56.146-07:00वाद की झालरों से सतर्क (भयभीत नहीं) हो कर ही शायद ...वाद की झालरों से सतर्क (भयभीत नहीं) हो कर ही शायद उचित एवं अर्थपूर्ण संवाद का मार्ग निकलता है...<br /><br />Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-13930167494482159892012-09-05T10:12:25.957-07:002012-09-05T10:12:25.957-07:00वाद से परे यह कविता अपने रंग की छटा बिखेर रही है।वाद से परे यह कविता अपने रंग की छटा बिखेर रही है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-49775451139156531512012-09-04T02:12:31.481-07:002012-09-04T02:12:31.481-07:00कविता तो स्वयम रंगहीन ही है ना , कृष्ण की बांसुरी ...कविता तो स्वयम रंगहीन ही है ना , कृष्ण की बांसुरी का रंग लुभाता अवश्य है उसे!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-66807254985896996112012-09-04T01:31:15.735-07:002012-09-04T01:31:15.735-07:00ek taraf aap prem mayi aur krishn ki bansuri ka ra...ek taraf aap prem mayi aur krishn ki bansuri ka rang lubhae wala kah rahi hain to vo rangheen kaise ho sakti hain.<br /><br />baki sabka apna apna nazariya hai....अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-45129883703789288252012-09-02T20:06:19.458-07:002012-09-02T20:06:19.458-07:00दो टूक समीक्षा प्रस्तुत करती है यह कविता।..वाह!दो टूक समीक्षा प्रस्तुत करती है यह कविता।..वाह!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-51635614065163728972012-09-02T09:18:04.423-07:002012-09-02T09:18:04.423-07:00वाह ...वाह ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-79107886549701969512012-09-02T08:41:19.644-07:002012-09-02T08:41:19.644-07:00इस द्वन्द को कविता में बहुत खूबसूरती से पेश किया ग...इस द्वन्द को कविता में बहुत खूबसूरती से पेश किया गया है. बहुत खूब.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-64958430827000958432012-08-28T07:49:06.867-07:002012-08-28T07:49:06.867-07:00ये कविता की लहर जिसमें कृष्ण की बांसुरी के रंग के ...ये कविता की लहर जिसमें कृष्ण की बांसुरी के रंग के साथ मछुआरों के जाल का रंग भी है । Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-14145848264956277142012-08-27T01:51:39.111-07:002012-08-27T01:51:39.111-07:00वाद विवाद से परे आपकी कविता पढ़ना अच्छा लगा..आभार!...वाद विवाद से परे आपकी कविता पढ़ना अच्छा लगा..आभार!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-26094480606361672312012-08-26T06:06:25.503-07:002012-08-26T06:06:25.503-07:00स्पैम!!स्पैम!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-23829382344838013962012-08-25T22:59:03.884-07:002012-08-25T22:59:03.884-07:00ये सारे वाद उन लोगों के गढे हुए हैं जो आलोचना तो क...ये सारे वाद उन लोगों के गढे हुए हैं जो आलोचना तो कर सकते हैं, रचना नहीं कर सकते!! ये 'वाद' संवाद को कम और विवाद को ज़्यादा जन्म देते हैं!!<br />आपकी कविता तो वैसे भी कुछ नई सीख देती है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-62881528310527651372012-08-25T05:27:27.961-07:002012-08-25T05:27:27.961-07:00- कविता मतलब सीधी सच्ची सुन्दर बात!
- सफलता से सफल...- कविता मतलब सीधी सच्ची सुन्दर बात!<br />- सफलता से सफल क्या होगा? फिर, जो गैंग सारी दुनिया को ही मेरावाद-तेरावाद में बाँटने-काटने को आतुर हैं, उनके पंजों से कविता कैसे बचे? बाकी बात फिर कभी ...Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-29178007572642350252012-08-25T03:08:47.698-07:002012-08-25T03:08:47.698-07:00मन के भाव कहाँ वादों-प्रतिवादों के जाल में फंसते ह...मन के भाव कहाँ वादों-प्रतिवादों के जाल में फंसते हैं...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-91122332827388790722012-08-25T02:20:49.362-07:002012-08-25T02:20:49.362-07:00कविता के शब्द ...अपने आप से बोलते हैं :)))कविता के शब्द ...अपने आप से बोलते हैं :)))Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-22763289812165366602012-08-25T02:15:36.320-07:002012-08-25T02:15:36.320-07:00वाद-प्रतिवाद-विवाद से परे मुझे कविता अच्छी लगी वाद-प्रतिवाद-विवाद से परे मुझे कविता अच्छी लगी Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-86245263964707890012012-08-25T02:12:13.341-07:002012-08-25T02:12:13.341-07:00:):)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-30738008252540335862012-08-24T20:28:22.859-07:002012-08-24T20:28:22.859-07:00सत्य वचन !सत्य वचन !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-34290971363131585212012-08-24T18:43:02.894-07:002012-08-24T18:43:02.894-07:00कविता में अपार शक्ति होती है ..वो वाद विवाद से परे...कविता में अपार शक्ति होती है ..वो वाद विवाद से परे होती है ....वो तो अभिव्यक्त हो कर ही मानती है ...!!<br />बहुत सुदृढ़ विचर देती उत्कृष्ट रचना ...वाणी जी ....बधाई स्वीकार करें...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-2804492206704655392012-08-24T18:06:41.314-07:002012-08-24T18:06:41.314-07:00हां यही तो कहना चाह रहा हूं :)हां यही तो कहना चाह रहा हूं :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-15668916342398766862012-08-24T18:01:57.488-07:002012-08-24T18:01:57.488-07:00आपकी सारी असहमतियां भी एक "वाद" ही सही :...आपकी सारी असहमतियां भी एक "वाद" ही सही :)वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-90774213031394127182012-08-24T17:45:15.781-07:002012-08-24T17:45:15.781-07:00कविता के लिये प्रेममय रंगहीन पारदर्शिता भी तो एक व...कविता के लिये प्रेममय रंगहीन पारदर्शिता भी तो एक वाद(विचार)ही है !<br /><br />और एक रंग कृष्ण की बांसुरी का रंगबिरंगे मछुवारों की तर्ज़ पर वाद ही कहलायेगा !<br /><br />तट के रंगमय मछेरों की उत्सुक्ता के बरक्स रंगहीन अनुत्सुक अमछेरापन भी एक वाद ही माना जाएगा ! <br /><br />यहां घोर कविताहीनता भी वाद है और घनघोर कवितामयता भी !<br /><br />कृत्रिमता वाद है तो स्वतः स्फूर्ति का विचार भी वाद ही है !<br /><br />लालिमा कोमलता उत्फुल्लता धूमिलता मुरझायापन बनाम खुरदरापन कालिमा कठोरता वगैरह वगैरह पे जा अटकना भी वाद ही है !<br /><br />अवसरवादी भाषाविद और अन अवसरवादिता भी वाद से इतर नहीं है !<br /><br />इस दुनिया में वाद मुक्त कुछ भी नहीं है चाहे समेकित हो या व्यक्तिवाद !<br /><br />आपकी कविता अच्छी है पर उसकी मूल भावना से हमारी असहमति का आधार ही प्रति'वाद' है :) उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-23881187852268331072012-08-24T16:19:40.635-07:002012-08-24T16:19:40.635-07:00Badee anoothee rachana!Badee anoothee rachana!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-31843584114636829052012-08-24T07:28:07.383-07:002012-08-24T07:28:07.383-07:00कोमल कविताओं का अपना अलग रंग है
जिसे बेरंग नहीं...कोमल कविताओं का अपना अलग रंग है <br />जिसे बेरंग नहीं किया जा सकता Mamta Bajpaihttps://www.blogger.com/profile/00085992274136542865noreply@blogger.com