tag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post2774200883123966165..comments2023-10-08T04:22:50.432-07:00Comments on गीत मेरे ........: समानांतर रेखाएं ....वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/10839893825216031973noreply@blogger.comBlogger52125tag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-89293909501429337132011-11-26T02:01:50.507-08:002011-11-26T02:01:50.507-08:00अत्यंत सार्थक रचना....
सादर...
आभार ‘हलचल’ का कि इ...अत्यंत सार्थक रचना....<br />सादर...<br />आभार ‘हलचल’ का कि इतनी सुन्दर कविता पढ़ने मिली....S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-70589585650111287752011-11-26T01:11:20.823-08:002011-11-26T01:11:20.823-08:00जिन्दगी के बडे सच को साथ लेकर चलती ये रचना ..
इतन...जिन्दगी के बडे सच को साथ लेकर चलती ये रचना ..<br /><br />इतनी सुन्दर रचना हम सबके साथ साँझा करने के लिए धन्यवाद ......Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-22401967592967308462011-11-25T21:07:35.834-08:002011-11-25T21:07:35.834-08:00अनुपमा जी की संगीतमयी हलचल का 'रे' बनी आपक...अनुपमा जी की संगीतमयी हलचल का 'रे' बनी आपकी यह <br />प्रस्तुति तो बहुत लाजबाब है जी.<br /><br />भले ही रेखाएं समान्तर रहें,पर उनके बीच का अंतर कम हो तो क्या <br />ही अच्छा हो.<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आईयेगा जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-42812840303361860972011-11-25T16:47:15.819-08:002011-11-25T16:47:15.819-08:00सुंदर रचना... पढ़ते चले गए वैसे जीवन का गणित न जान...सुंदर रचना... पढ़ते चले गए वैसे जीवन का गणित न जाने कब समझ में आएगा ...कुमार संतोषhttps://www.blogger.com/profile/15801341922407900125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-59290193950838449672011-01-03T06:07:47.389-08:002011-01-03T06:07:47.389-08:00बहुत खूबसूरत रचना, वैसे भी मन का विश्वास है जो हमे...बहुत खूबसूरत रचना, वैसे भी मन का विश्वास है जो हमेशा जीतता है और जीने की उमंग बनाए रखता हैवीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-19840211573490242852011-01-03T04:13:07.142-08:002011-01-03T04:13:07.142-08:00सोचने को विवश करती है आपकी रचना। हार्दिक शुभकामनाए...सोचने को विवश करती है आपकी रचना। हार्दिक शुभकामनाएं।<br /><br />---------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">मिल गया खुशियों का ठिकाना।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-49726765335906895882011-01-03T01:58:56.856-08:002011-01-03T01:58:56.856-08:00बहुत ही प्रभावशाली अंदाज़ से लिखा है .. सच है दो स...बहुत ही प्रभावशाली अंदाज़ से लिखा है .. सच है दो समानांतर रेखाएं साथ साथ चलती हैं पर कभी मिल नहीं पातीं ... ...<br />आपको और आपके पूरे परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-64750116454081509932011-01-02T23:37:06.961-08:002011-01-02T23:37:06.961-08:00सुंदर रचना ! आपको भी नए वर्ष की बधाई!सुंदर रचना ! आपको भी नए वर्ष की बधाई!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-13256109042702043682011-01-02T17:13:16.271-08:002011-01-02T17:13:16.271-08:00शुरुवात में मुझे लगा के समझ आ रही है...
फिर धीरे-ध...शुरुवात में मुझे लगा के समझ आ रही है...<br />फिर धीरे-धीरे रेखा मुझसे दूर होती गयी...<br />मेरे लेवल के बियोंड है.<br />आशीष<br />---<br />हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-84551995127898208512011-01-02T01:42:25.263-08:002011-01-02T01:42:25.263-08:00आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-37859145156622333692011-01-01T09:42:49.735-08:002011-01-01T09:42:49.735-08:00नये वर्ष की असीम-अनन्त शुभकामनाएं.नये वर्ष की असीम-अनन्त शुभकामनाएं.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-22113674406781986142010-12-31T21:07:33.668-08:002010-12-31T21:07:33.668-08:00आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें...स्वीकार...आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें...स्वीकार करेंकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-24028204137426726822010-12-31T10:54:23.382-08:002010-12-31T10:54:23.382-08:00आप को नव वर्ष की शुभ कामनाये
सत्य है समान्तर रेख...आप को नव वर्ष की शुभ कामनाये <br />सत्य है समान्तर रेखाए अनन्त पर ही मिलती है तो विश्वास भी अटूट ही हुआABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-88603005553380749712010-12-31T08:18:47.690-08:002010-12-31T08:18:47.690-08:002011 का आगामी नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो...2011 का आगामी नूतन वर्ष आपके लिये शुभ और मंगलमय हो,<br />हार्दिक शुभकामनाओं सहित...Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-19410254677618106022010-12-31T07:38:02.769-08:002010-12-31T07:38:02.769-08:00अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस ...अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में <br />तय हो सफ़र इस नए बरस का <br />प्रभु के अनुग्रह के परिमल से <br />सुवासित हो हर पल जीवन का<br />मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष <br />करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि <br />शांति उल्लास की <br />आप पर और आपके प्रियजनो पर.<br /><br />आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.<br />सादर, <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-14399275484995170862010-12-31T04:32:28.213-08:002010-12-31T04:32:28.213-08:00सामानांतर रेखाओं को कितनी सुन्दरता के साथ एक मंज...सामानांतर रेखाओं को कितनी सुन्दरता के साथ एक मंजिल पर पहुँचाया है . बहुत सुन्दर रचना .नव वर्ष आपके लिए ढेरों खुशियाँ लाये .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-34503760170651486632010-12-30T19:24:15.957-08:002010-12-30T19:24:15.957-08:00bahut badiya
आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं ...bahut badiya<br /><br />आप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं !<br />आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !<br /><br />नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित<br /><br />संजय कुमार चौरसियासंजय कुमार चौरसियाhttps://www.blogger.com/profile/06844178233743353853noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-67243389566735728892010-12-30T10:56:28.612-08:002010-12-30T10:56:28.612-08:00अत्यन्त सुन्दर प्रस्तुति। नववर्ष की हार्दिक शुभकाम...अत्यन्त सुन्दर प्रस्तुति। नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-27423332137658104742010-12-30T09:34:16.347-08:002010-12-30T09:34:16.347-08:00प्रभावी अभिव्यक्ति..समान्तर रेखाएं...मैं ने भी कभी...प्रभावी अभिव्यक्ति..समान्तर रेखाएं...मैं ने भी कभी इसी तरह की एक कविता लिखी थी ..आप की रचना पढ़ी तो वह याद आई.<br /><br />वाणी जी आप को भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ...Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-45639149073405762402010-12-30T05:56:59.142-08:002010-12-30T05:56:59.142-08:00अव्यक्त ख़ुशी उमंग के बोझ तले,
कई बार मन दुखी भी ह...अव्यक्त ख़ुशी उमंग के बोझ तले,<br />कई बार मन दुखी भी हुआ...<br /><br />इस गहन अभिव्यक्ति के लिए बधाई स्वीकारें!Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-6718839786232654852010-12-28T07:18:11.746-08:002010-12-28T07:18:11.746-08:00गहन संवेदनाओं की बेहद मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति. आभार...गहन संवेदनाओं की बेहद मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति. आभार. <br />सादर <br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-40815378637743013172010-12-28T03:59:01.955-08:002010-12-28T03:59:01.955-08:00विलक्षण भावो को सुंदर शब्द .दीए है आपने . दो साम...विलक्षण भावो को सुंदर शब्द .दीए है आपने . दो सामानांतर रेखाए मीलती तो नहीं है लेकिन हमराही तो होती है . सुंदर रचना . आभार .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-3043375342213061892010-12-28T03:54:47.981-08:002010-12-28T03:54:47.981-08:00बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई...अपर्णाhttps://www.blogger.com/profile/13934128996394669998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-11378216387124441732010-12-28T01:53:10.084-08:002010-12-28T01:53:10.084-08:00मानवीय सम्बन्धों से सरोकार रखती एक प्रभावी रचना.
...मानवीय सम्बन्धों से सरोकार रखती एक प्रभावी रचना.<br /><br />कदाचित सामान्तर रहना अधिक बेहतर है बनसप्त इसकी कि हमेशा एक दूसरे को काटते रहें...अथवा लम्ब या आधार की भूमिका निभाते रहेंMohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8591789211715949032.post-58570594760780734432010-12-28T01:46:59.544-08:002010-12-28T01:46:59.544-08:00गहन भावों के साथ भावमय करते शब्द ...।गहन भावों के साथ भावमय करते शब्द ...।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com